Sai Satcharitra Hindi chap 3
श्री साई सच्चरित्र
अध्याय 3 - श्री साईंबाबा की स्वीकृति, आज्ञा और प्रतीज्ञा, भक्तों को कार्य समर्पण, बाबा की लीलाएँ ज्योतिस्तंभ स्वरुप, मातृप्रेम–रोहिला की कथा, उनके मधुर अमृतोपदेश ।
श्री साईंबाबा की स्वीकृति और वचन देना
जैसा कि गत अध्याय में वर्णन किया जा चुका है, बाबा ने सच्चरित्र लिखने की अनुमति देते हुए कहा कि सच्चरित्र लेखन के लिये मेरी पूर्ण अनुमति है । तुम अपना मन स्थिर कर, मेरे वचनों में श्रदृा रखो और निर्भय होकर कर्त्तव्य पालन करते रहो । यदि मेरी लीलाएँ लिखी गई तो अविघा का नाश होगा तथा ध्यान व भक्तिपूर्वक श्रवण करने से, दैहिक बुदि नष्ट होकर भक्ति और प्रेम की तीव्र लहर प्रवाहित होगी और जो इन लीलाओं की अधिक गहराई तक खोज करेगा, उसे ज्ञानरुपी अमूल्य रत्न की प्राप्ति हो जायेगी ।
इन वचनों को सुनकर हेमाडपंत को अति हर्ष हुआ और वे निर्भय हो गये । उन्हें दृढ़ विश्वास हो गया कि अब कार्य अवश्य ही सफल होगा ।
बाबा ने शामा की ओर दृष्टिपात कर कहा – जो, प्रेमपूर्वक मेरा नामस्मरण करेगा, मैं उसकी समस्त इच्छायें पूर्ण कर दूँगा । उसकी भक्ति में उत्तरोत्तर वृदिृ होगी । जो मेरे चरित्र और कृत्यों का श्रदृापूर्वक गायन करेगा, उसकी मैं हर प्रकार से सदैव सहायता करुँगा । जो भक्तगण हृदय और प्राणों से मुझे चाहते है, उन्हें मेरी कथाऐं श्रवण कर स्वभावतः प्रसन्नता होगी । विश्वास रखो कि जो कोई मेरी लीलाओं का कीर्तन करेगा, उसे परमानन्द और चिरसन्तोष की उपलबि्ध हो जायेगी । यह मेरा वैशिष्टय है कि जो कोई अनन्य भाव से मेरी शरण आता है, जो श्रदृापूर्वक मेरा पूजन, निरन्तर स्मरण और मेरा ही ध्यान किया करता है, उसको मैं मुक्ति प्रदान कर देता हूँ ।
जो नित्यप्रति मेरा नामस्मरण और पूजन कर मेरी कथाओं और लीलाओं का प्रेमपूर्वक मनन करते है, ऐसे भक्तों में सांसारिक वासनाएँ और अज्ञानरुपी प्रवृत्तियाँ कैसे ठहर सकती है । मैं उन्हें मृत्यु के मुख से बचा लेता हूँ ।
मेरी कथाऐं श्रवण करने से मूक्ति हो जायेगी । अतः मेरी कथाओं श्रदृापूर्वक सुनो, मनन करो । सुख और सन्तोष-प्राप्ति का सरल मार्ग ही यही है । इससे श्रोताओं के चित्त को शांति प्राप्त होगी और जब ध्यान प्रगाढ़ और विश्वास दृढ़ हो जायगा, तब अखोड चैतन्यघन से अभिन्नता प्राप्त हो जाएगी । केवल साई साई के उच्चारणमात्र से ही उनके समस्त पाप नष्ट हो जाएगें ।
भिन्न भिन्न कार्यों की भक्तों को प्रेरणा
भगवान अपने किसी भक्त को मन्दिर, मठ, किसी को नदी के तीर पर घाट बनवाने, किसी को तीर्थपर्यटन करने और किसी को भगवत् कीर्तन करने एवं भिन्न भिन्न कार्य करने की प्रेरणा देते है । परंतु उन्होंने मुझे साई सच्चरित्र-लेखन की प्रेरणा की । किसी भी विघा का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण मैं इस कार्य के लिये सर्वथा अयोग्य था । गतः मुझे इस दुष्कर कार्य का दुस्साहस क्यों करना चाहिये । श्री साई महाराज की यथार्थ जीवनी का वर्णन करने की सामर्थय किसे है । उनकी कृपा मात्र से ही कार्य सम्पूर्ण होना सम्भव है । इसीलिये जब मैंने लेखन प्रारम्भ किया तो बाबा ने मेरा अहं नष्ट कर दिया और उन्हेंने स्वयं अपना चरित्र रचा । अतः इस चरित्र का श्रेय उन्हीं को है, मुझे नही ।
जन्मतः ब्राहमण होते हुए भी मैं दिव्य चक्षु-विहीन था, अतः साई सच्चरित्र लिखने में सर्वथा अयोग्य था । परन्तु श्री हरिकृपा से क्या सम्भव वहीं है । मूक भी वाचाल हो जाता है और पंगु भी गिरिवर चढ़ जाता है । अपनी इच्छानुसार कार्य पूर्ण करने की युक्ति वे ही जानें । हारमोनियम और बंसी को यह आभास कहाँ कि ध्वनि कैसे प्रसारित हो रही है । इसका ज्ञान तो वादक को ही है । चन्द्रकांतमणि की उत्पत्ति और ज्वार भाटे का रहम्य मणि अथवा उदधि नहीं, वरन् शशिकलाओं के घटने-बढने में ही निहित है ।
बाबा का चरित्रः ज्योतिस्तंभ स्वरुप
समुद्र में अनेक स्थानों पर ज्योतिस्तंभ इसलिये बनाये जाते है, जिससे नाविक चटटानों और दुर्घटनाओं से बच जायें और जहाज का कोई हानि न पहुँचे । इस भवसागर में श्री साई बाबा का चरित्र ठीक उपयुक्त भाँति ही उपयोगी है । वह अमृत से भी अति मधुर और सांसारिक पथ को सुगम बनाने वाला है । जब वह कानों के दृारा हृदय में प्रवेश करता है, तब दैहिक बुदि नष्ट हो जाती है और हृदय में एकत्रित करने से, समस्त कुशंकाएँ अदृश्य हो जाती है । अहंकार का विनाश हो जाता है तथा बौदिृक आवरण लुप्त होकर ज्ञान प्रगट हो जाता है । बाब की विशुदृ कीर्ति का वर्णन निष्ठापूर्वक श्रवण करने से भक्तों के पाप नष्ट होंगे । अतः यह मोक्ष प्राप्ति का भी सरल साधन है । सत्यतुग में शम तथा दम, त्रेता में त्याग, दृापर में पूजन और कलियुग में भगवत्कीर्तन ही मोक्ष का साधन है । यह अन्तिम साधन, चारों वर्णों के लोगों को साध्य भी है । अन्य साधन, योग, त्याग, ध्यान-धारणा आदि आचरण करने में कठिन है, परंतु चरित्र तथा हरिकीर्तन का श्रवण और कीर्तन से इन्द्रियों की स्वाभाविक विषयासक्ति नष्ट हो जाती है और भक्त वासना-रहित होकर आत्म साक्षात्कार की ओर अग्रसर हो जाता है । इसी फल को प्रदान करने के हेतु उन्होंने सच्चरित्र का निर्माण कराया । भक्तगण अब सरलतापूर्वक चरित्र का अवलोकन करें और साथ ही उनके मनोहर स्वरुप का ध्यान कर, गुरु और भगवत्-भक्ति के अधिकारी बनें तथा निष्काम होकर आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त हों । साईं सच्चरित्र का सफलतापूर्वक सम्पूर्ण होना, यह साई-महिमा ही समझें, हमें तो केवल एक निमित्त मात्र ही बनाया गया है ।
मातृप्रेम
गाय का अपने बछडे़ पर प्रेम सर्वविदित ही है । उसके स्तन सदैव दुग्ध से पूर्म रहते हैं और जब भुखा बछड़ा स्तन की ओर दौड़कर आता है तो दुग्ध की धारा स्वतः प्रवाहित होने लगती है । उसी प्रकार माता भी अपने बच्चे की आवश्यकता का पहले से ही ध्यान रखती है और ठीक समय पर स्तनपान कराती है । वह बालक का श्रृंगार उत्तम ढ़ंग से करती है, परंतु बालक को इसका कोई भान ही नहीं होता । बालक के सुन्दर श्रृंगाराररि को देखकर माता के हर्ष का पारावार नहीं रहता । माता का प्रेम विचित्र, असाधारण और निःस्वार्थ है, जिसकी कोई उपमा नही है । ठीक इसी प्रकार सद्गगुरु का प्रेम अपने शिष्य पर होता है । ऐसा ही प्रेम बाबा का मुझ पर था और उदाहरणार्थ वह निम्न प्रकार था ः-
सन् 1916 में मैने नौकरी से अवकाश ग्रहण कीया । जो पेन्शन मुझे मिलती थी, वह मेरे कुटुम्ब के निर्वाह के लिये अपर्याप्त थी । उसी वर्ष ती गुरुपूर्णिमा के विवस मैं अनाय भक्तों के साथ शिरडी गया । वहाँ अण्णा चिंचणीकर ने स्वतः ही मेरे लिये बाबा से इस प्रकार प्रार्थना की, इनके ऊपर कृपा करो । जो पेन्शन इन्हें मिलती है, वह निर्वाह-योग्य नही हैं । कुटुम्ब में वृदि हो रही है । कृपया और कोई नौकरी दिला दीजिये, ताकि इनकी चिन्ता दूर हो और ये सुखपूर्वक रहें । बाबा ने उत्तर दिया कि इन्हें नौकरी मिल जायेगी, परंतु अब इन्हें मेरी सेवा में ही आनन्द लेना चाहिए । इनकी इच्छाएँ सदैव पूर्ण होंगी, इन्हें अपना ध्यान मेरी ओर आकर्षित कर, अधार्मिक तथा दुष्ट जनों की संगति से दूर रहना चाहिये । इन्हें सबसे दया और नम्रता का बर्ताव और अंतःकरण से मेरी उपासना करनी चाहिये । यदि ये इस प्रकार आचरण कर सके तो नित्यान्नद के अधिकारी हो जायेंगे ।
रोहिला की कथा
यह कथा श्री साई बाबा के समस्त प्राणियों पर समान प्रेम की सूचक है । एक समय रोहिला जाति का एक मनुष्य शिरडी आया । वह ऊँचा-पूरा, सुदृढ़ एवं सुगठित शरीर का था । बाबा के प्रेम से मुग्ध होकर वह शिरडी में ही रहने लगा । वह आठों प्रहर अपनी उच्च और कर्कश ध्वनि में कुरान शरीफ के कलमे पढ़ता और अल्लाहो अकबर के नारे लगाता था । शिरडी के अधिकांश लोग खेतों में दिन भर काम करने के पश्चात जब रात्रि में घर लौटते तो रोहिला की कर्कश पुकारें उनका स्वागत करती है । इस कारण उन्हें रात्रि में विश्राम न मिलता था, जिससे वे अधिक कष्ट असहनीय हो गया, तब उन्होंने बाबा के समीप जाकर रोहिला को मना कर इस उत्पात को रोकने की प्रार्थना की । बाबा ने उन लोगों की इस प्रार्थना पर ध्यान न दिया । इसके विपरीत गाँववालों को आड़े हाथों लेते हुये बोले कि वे अपने कार्य पर ही ध्यान दें और रोहिला की ओर ध्यान न दें । बाबा ने उनसे कहा कि रोहिला की पत्नी बुरे स्वभाव की है और वह रोहिला को तथा मुझे अधिक कष्ट पहुंचाती है, परंतु वह उसके कलमों के समक्ष उपस्थित होने का साहस करने में असमर्थ है और इसी कारण वह शांति और सुख में है । यथार्थ में रोहिला की कोई पत्नी न थी । बाबा के संकेत केवल कुविचारों की ओर था । अन्य विषयों की अपेक्षा बाबा प्रार्थना और ईश-आराधना को महत्तव देते थे । अतः उन्होंने रोहिला के पक्ष का समर्थन कर, ग्रामवासियों को शांतिपूर्वक थोड़े समय तक उत्पात सहन करने का परामर्श दिया ।
बाबा के मधुर अमृतोपदेश
एक दिन दोपहर की आरती के पश्चात भक्तगण अपने घरों को लौट रहे थे, तब बाबा ने निम्नलिखित अति सुन्दर उपदेश दिया –
तुम चाहे कही भी रहो, जो इच्छा हो, सो करो, परंतु यह सदैव स्मरण रखो कि जो कुछ तुम करते हो, वह सब मुझे ज्ञात है । मैं ही समस्त प्राणियों का प्रभु और घट-घट में व्याप्त हूँ । मेरे ही उदर में समस्त जड़ व चेतन प्राणी समाये हुए है । मैं ही समस्त ब्राहांड़ का नियंत्रणकर्ता व संचालक हूँ । मैं ही उत्पत्ति, व संहारकर्ता हूँ । मेरी भक्ति करने वालों को कोई हानि नहीं पहुँचा सकता । मेरे ध्यान की उपेक्षा करने वाला, माया के पाश में फँस जाता है । समस्त जन्तु, चींटियाँ तथा दृश्यमान, परिवर्तनमान और स्थायी विश्व मेरे ही स्वरुप है ।
इस सुन्दर तथा अमूल्य उपदेश को श्रवण कर मैंने तुरन्त यह दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब भविष्य में अपने गुरु के अतिरिक्त अन्य किसी मानव की सेवा न करुँगा । तुझे नौकरी मिल जायेगी – बाबा के इन वचनों का विचार मेरे मस्तिष्क में बारंबार चक्कर काटने लगा । मुझे विचार आने लगा, क्या सचमुच ऐसा घटित होगा । भविष्य की घटनाओं से स्पष्ट है कि बाबा के वचन सत्य निकले और मुझे अल्पकाल के लिये नौकरी मिल गई । इसके पश्चात् मैं स्वतंत्र होकर एकचित्त से जीवनपर्यन्त बाबा की ही सेवा करता रहा ।
इस अध्याय को समाप्त करने से पूर्व मेरी पाठकों से विनम्र प्राथर्ना है कि वे समस्त बाधाएँ – जैसे आलस्य, निद्रा, मन की चंचलता व इन्द्रिय-आसक्ति दूर कर और एकचित्त हो अपना ध्यान बाबा की लीलाओं की ओर वें और स्वाभाविक प्रेम निर्माण कर भक्ति-रहस्य को जाने तथा अन्य साधनाओं में व्यर्थ श्रमित न हो । उन्हें केवन एक ही सुगम उपाय का पालन करना चाहिये और वह है श्री साईलीलाओं का श्रवण । इससे उनका अज्ञान नष्ट होकर मोक्ष का दृार खुल जायेगा । जिसप्रकार अनेक स्थानों में भ्रमण करता हुआ भी लोभी पुरुष अपने गड़े हुये धन के लिये सतत चिन्तित रहता है, उसी प्रकार श्री साई को अपने हृदय में धारण करो । अगले अध्याय में श्री साई बाबा के शिरडी आगमन का वर्णन होगा ।
।। श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु । शुभं भवतु ।।
Om Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram baba ji 🙏🙏
DeleteVery nice om sai
Deleteऊँ नमः साईनाथ
DeleteOm sai nath
DeleteOm sai ram
DeleteOm sai ram
DeleteOm sairam .after reading this chapter I am free from inner pain.it is true
DeleteOm sairam
Om sai ram 🙏🏻🙏🏻
DeleteOm sai ram
DeleteOM SAI RAM
Deleteom Sai Ram jii 🙏🙏
DeleteOM SAI RAM
Deleteऊं साईं राम
DeleteOm sai ram
DeleteOm Sai Ram jii 🙏🙏
DeleteOm Sai Ram
DeleteOm sai ram ji 🙏🙏
DeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteMere Sai.
Om sai ram
ReplyDeleteOm sai ram ji
ReplyDeleteOm sai ram ji
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSri sai
ReplyDeleteOm SaiRam
ReplyDeleteOm Sai Ram Sai Ki Mehar🙏🌹❤
ReplyDeleteom sai ram ji
ReplyDeleteHey! Sai sada aang sang bane raho....
ReplyDeletejai sai ram,jai sai ram jai sai ram jai sai ram jai sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shivsai
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeletejai sai ram
ReplyDeleteJai sai nath
ReplyDeleteOm sai ram g
ReplyDeleteSri Sai🙏💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹🙏
ReplyDeleteSri Sai Nathaya Namaha🙏💐
ReplyDeleteRam Krishan hre, Ram Krishan hre, Om sai Ram Jai Sai Ram, shri Sachidanand Sadguru sainath MAHARAJ ki JAI,
ReplyDeleteOm Shri sainathaye nameh
ReplyDeleteJai sai ram
ReplyDeleteSai sai ram ji baba is blessing allways
ReplyDeleteBaba meri baat pls samjho
ReplyDelete🌹Om Sai Ram 🌹
ReplyDeleteOm sai ram 🕉️🕉️🕉️🙏🙏😊🙏🙏🌹🙏😊🙏💐💐❤️😊❤️😊❤️😊🌹🎂🎂🎉🎂🎂
ReplyDeleteThanku very muchfor uploading this
ReplyDeleteOm sai ram baba kripa banaye rakhna
ReplyDeleteOm sai ram 🙏 🙏
ReplyDeleteOm Sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏 om sai ram 🙏 🙏🌻🌻 🌹 🌹
ReplyDeleteOm sairam
ReplyDeleteMann bahut dukhi hai Baba
ReplyDeleteOm sai ram baba him sabki raksha karna
ReplyDeleteMere sai nath mere jeewan se raakchhas ko door kr dijiye.wo mujhe khatm kr dega ,mere pariwar ko bhi .raksha kro nath🙏
ReplyDeleteKya hua om sai ram all is well tensn mt lo
DeleteOM SAI RAM 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐⚘
DeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram , Jai Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram ji 🙏
DeleteOm Sai Ram🙏♥️
ReplyDeleteSRI Sai Ram 🙏🌹♥️
ReplyDeleteOm namoh Shri Sai prabhu namah 🙏 love you so much Baba g 🙏
ReplyDeleteJai sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteJai sai baba..🙏
ReplyDeleteShri Sachchidanand sadguru Sai nath Maharaj ki Jai 🙏 love you so much baba g 🙏
ReplyDeleteOm sai ram.
ReplyDeleteJai sai Ram🙏🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm sai ram 🙏🌹🙏
ReplyDeletemera Sahara mere saiya mere vishwas 🙏 love you so much baba g 🙏
ReplyDeleteOm sai Ram
ReplyDeleteOm sai nath
ReplyDeleteOm sai nath
ReplyDeleteOm sai ram sabka malik ek
ReplyDeleteSri Sai🙏🏻🌹❤️
ReplyDeleteOm Sai shree sai Jai Jai Sai..
ReplyDeleteom sai Samarth 🙏
ReplyDeleteOm sai Ram.
ReplyDeleteom sai ram..
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram sadgurudev nameh💐💐💐👏👏👏
ReplyDeleteOm saiRam
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏🏻🙇🏻♂️🙏🏻
ReplyDeleteOm sai🙏
ReplyDeleteOm sai ram. Baba mere bacho par mere pariwar par apni kirpa drishti bnaye rakhna.
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm sai
ReplyDeleteOm sree sai nathaya namah🥰🥰🥰🥰🥰
ReplyDeleteOm sai jai jai sai 🙏🏻🌹🙏🏻om sai jai jai sai 🙏🏻🌹🌹🌿🙏🏻om shree sadguru sai nathaye namah 🙏🏻🌹🌹🌺🌿
ReplyDeleteOm shree sai nath mahraj ki jai..om sai Ram
ReplyDelete🙏om sai ram 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSri Sai🌹🌷🌻🌺🌼🙏
ReplyDeleteSti sai ram
ReplyDelete🙏🏼❤️om sai ram❤️🙏🏼
ReplyDeleteOm Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm sai Ram ji 🙏
ReplyDeleteOm Sairam
ReplyDeleteSri Sai🌹🌷❤️❤️🌷🌹🙏
ReplyDeleteBaba please bless my husband 🌷❤️🙏🌹
ReplyDeleteJai shri sai samarth 🙏I m sorry plz forgive me🙇 I thanku I love you so much baba ji🙏🙏 👨👩👦👦💕
ReplyDeleteSri Sai 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteJai Sai Ram
ReplyDeleteAnanntkoti brhamand nayak rajadhiraj yogiraj prhambraham parmeshwar shri sachchidanand sadguru sai nath maharaj ki jai ho 🙏mera sahara mere saiya mera vishwas hai🙏 I m sorry🙏 plz forgive me🙏🙇 I thanku 🙏I love you so much baba ji🙏 👨👩👦👦😘💕sai raham najar krna🙏 bachcho ka paln krna🙏
ReplyDeleteOm shree satguru sainathaparnamasthu...shubham bhavatu 💐🙏🏻💐.
ReplyDeleteOm sai ram💕🙏🏽
ReplyDeleteOm Sai ram.sunil.yadav
ReplyDelete🌹🙏🙏🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteSri Sai Deva🙏🌹🌻❤️🙏
ReplyDeleteSAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeleteOM SAI RAM
BABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS WE SURRENDER TO U NATH PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL DISEASES EVILS N SINS
MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI
JAI SAI RAM
BOW TO SHRI SAI BABA PEACE BE TO ALL🙏
Om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram 👏 Baba pls be with us always we are nothing without you 👏👏👏
ReplyDeleteSAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeleteOM SAI RAM
BABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS M WORTHLESS SAI WE SURRENDER TO U PROTECT THIS WORLD N US FRM ALL SINS DISEASES N EVILS
JAI SAI RAM
MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI
BOW TO SRI SAI BABA PEACE BE TO ALL🙏
Om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram 👏👏👏
ReplyDeleteSAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeleteBABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS M WORTHLESS SHRI SAI PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL SINS DISEASES N EVILS WE SURRENDER TO U BABA
JAI SAI RAM
MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI
BOW TO SHRI SAIBABA PEACE BE TO ALL🙏
SAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeleteBABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS M WORTHLESS SAI PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL SINS DISEASES N EVILS WE SURRENDER TO U BABA
JAI SAI RAM
MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI
BOW TO SHRI SAIBABA PEACE BE TO ALL🙏
Om sai ram ji.. Mere sai baba
ReplyDeleteOm sai ram g🙏 I m sorry plz forgive me🙇 I thanku i love you so much baba g 🙏
ReplyDeleteॐ साईं राम
ReplyDeleteSri Sai❤❤❤ 🙏❤❤ 🙏 🙏 🙏 🙏 ❤❤❤🙏❤❤🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram..
ReplyDeleteOm Sai Ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram pls take care of family issues.and pls take care of ma & papa 👏👏👏
ReplyDeleteOm Sai Ram 🌸🙏🏻🌸
ReplyDeleteSri Sai 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOM SAI RAKSHAK SHARNAM DEVA
ReplyDeleteSai raham najar krna shivank g Or unki mummy g ki raksha krna 🙏
ReplyDeleteOm Sai Rsm🌹🙏
ReplyDeleteOm sai ram🙏
ReplyDeleteॐ श्री साई नाथाय नमः
ReplyDeleteॐ श्री साई नाथाय नमः
ReplyDeleteOm Sai Ram 🌹🙏 (prajna)
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteRaham najar kro ab mere sai baba 🙏om sai ram g🙏
ReplyDeleteOm shri Sai Ram 🙏🌹🌹
ReplyDeleteओम साईं राम
ReplyDeleteSai Teri mahima aparampar
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteI'm sorry🙏 plzz forgive me🙇 I thanku i love you so much baba g 😘💏
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba always stay happy baba I am always with you baba may all your children be the happiest baba thank you baba for fulfilling all my please fulfil your devotees wishes baba love you baba mere 🙏🌹🙏
ReplyDeleteJai sai nath
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🍫🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
ReplyDeleteOm sai ram g🙏
ReplyDeleteNeelam Mishra
ReplyDeleteOm Sai Om Sai Ram
Naman Mishra
ReplyDeleteOm Sai Ram
Om Sai Ram
Sai sabko sadbudhhi do
ReplyDeleteOm shree sai nathay namah 🙏🙏🌹🌹
ReplyDeleteॐ साई
ReplyDeleteOm Sai Ram Ji💐🙏💐🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai ram mere pyare baba 🥭🙏🙏🌹🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteMere guru ji sai aapki jaijaikar ho
ReplyDeleteOm Sai Ram ji
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram 🌹🙏🌹🌹
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSai baba ka aashirwad sada hamare saath rahe🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
ReplyDeleteBaba main aapki aapki har saans main abhari hoon❤️🙏🙏
Om sai ram🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOm sai ram g
ReplyDeleteJai ho sai baba,aapka hamesha jaijaikar ho
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteBolo Sri Satchidanand Sadguru Sainath
ReplyDeleteMaharaja ki Jay
Om namah shivay sai g sda sahay om namah shivay guru g sda sahay 🙏
ReplyDeleteSai baba tum hamare palan haara ho
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram ❤️
ReplyDeleteSai baba tum humare guru hi ho🙏🙏
ReplyDeleteOm namah shivay 🙏shiv g sda sahay 🙏om namah shivay🙏 guru g sda sahay🙏 om namah shivay🙏 sai g sda sahay🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteBaba bachho ki raksha kare apna aashis unhe pradan kare .
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai baba ki jai 🙏❤️
ReplyDeleteJai Sai maaaa......
ReplyDeleteOm sairam
ReplyDeleteOm sairam
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏💐
ReplyDeleteOm sai ram g🙏
ReplyDeleteOm Sai ram Sai ma
ReplyDeleteOm sai RAM🙏🙏 baba sabki raksha karna
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDelete🙏om sai ram 🙏
ReplyDeleteDaya karo maharaaj ,poorn keejiye kaaj🙏🙏
ReplyDeleteMere Sai Baba ji
ReplyDeleteHum logo ki dukh, kasta har lijiyega.
Om Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai maa maa kya m apne bachhe ki chinta karti hu to kya galat h ? Baba mere bachho ki sadiv raksha kare apna aashis unhe pradan kare
ReplyDeleteSai hum sab par sada kripa banaye rakhana 🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram ji 🙏sabka Malik ek
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