Sai Satcharitra Hindi chap 46
श्री साई सच्चरित्र
अध्याय 46 - बाबा की गया यात्रा-बकरों की पूर्व जन्मकथा
इस अध्याय में शामा की काशी, प्रयाग व गया की यात्रा और बाबा किस प्रकार वहाँ इनके पूर्व ही (चित्र के रुप में) पहुँच गये तथा दो बकरों के गत जन्मों के इतिहास आदि का वर्णन किया गया है ।
प्रस्तावना
हे साई । आपके श्रीचरण धन्य है और उनका स्मरण कितना सुखदायी है । आपके भवभयविनाशक स्वरुप का दर्शन भी धन्य है, जिसके फलस्वरुप कर्मबन्धन छिन्नभिन्न हो जाते है । यघपि अब हमें आपके सगुण स्वरुप का दर्शन नहीं हो सकता, फिर भी यदि भक्तगण आपके श्रीचरणों में श्रद्घा रखें तो आप उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव दे दिया करते है । आप एक अज्ञात आकर्षण शक्ति द्घारा निकटस्थ या दूरस्थ भक्तों को अपने समीप खींचकर उन्हें एक दयालु माता की नाई हृदय से लगाते है । हे साई । भक्त नहीं जानते कि आपका निवास कहाँ है, परन्तु आप इस कुशलता से उन्हें प्रेरित करते है, जिसके परिणामस्वरुप भासित होने लगता है कि आपका अभय हस्त उनके सिर पर है और यह आपकी ही कृपा-दृष्टि का परिणाम है कि उन्हें अज्ञात सहायता सदैव प्राप्त होती रहती है । अहंकार के वशीभूत होकर उच्च कोटि के विद्घान और चतुर पुरुष भी इस भवसागर की दलदल में फँस जाते है । परन्तु हे साई । आप केवल अपनी शक्ति से असहाय और सुहृदय भक्तों को इस दलदल से उबारकर उनकी रक्षा किया करते है । पर्दे की ओट में छिपे रहकर आप ही तो सब न्याय कर रहे है । फिर भी आप ऐसा अभिनय करते है, जैसे उनसे आपका कोई सम्बन्ध ही न हो । कोई भी आप की संपूर्ण जीवन गाथा न जान सका । इसलिये यही श्रेयस्कर है कि हम अनन्य भाव से आपके श्रीचरणों की शरण में आ जायें और अपने पापों से मुक्त होने के लिये एकमात्र आपका ही नामस्मरण करते रहे । आप अपने निष्काम भक्तों की समस्त इच्छाएँ पूर्ण कर उन्हें परमानन्द की प्राप्ति करा दिया करते है । केवल आपके मधुर नाम का उच्चारण ही भक्तों के लिये अत्यन्त सुगम पथ है । इस साधन से उनमें राजसिक और तामसिक गुणों का हिरास होकर सात्विक और धार्मिक गुणों का विकार होगा । इसके साथ ही साथ उन्हें क्रमशः विवेक, वैराग्य और ज्ञान की भी प्राप्ति हो जायेगी । तब उन्हें आत्मस्थित होकर गुरु से भी अभिन्नता प्राप्त होगी और इसका ही दूसरा अर्थ है गुरु के प्रति अनन्य भाव से शरणागत होना । इसका निश्चित प्रमाण केवल यही है कि तब हमारा मन स्थिर और शांत हो जाता है । इस शरणागति, भक्ति और ज्ञान की मह्त्ता अद्घितीय है, क्योंकि इनके साथ ही शांति, वैराग्य, कीर्ति, मोक्ष इत्यादि की भी प्राप्ति सहज ही हो जाती है ।
यदि बाबा अपने भक्तों पर अनुग्रह करते है तो वे सदैव ही उनके समीप रहते है, चाहे भक्त कहीं भी क्योंन चला जाये, परन्तु वे तो किसी न किसी रुप में पहले ही वहाँ पहुँच जाते है । यह निम्नलिखित कथा से स्पष्ट है ।
गया यात्रा
बाबा से परिचय होने के कुछ काल पश्चात ही काकासाहेब रदीक्षित ने अपने ज्येष्ठ पुत्र बापू का नागपुर में उपनयन संस्कार करने का निश्चय किया और गभग उसी समय नानासाहेब चाँदोरकर ने भी अपने ज्येष्ट पुत्र का ग्वालियार में शादी करने का कार्यक्रम बनाया । दीक्षित और चांदोरकर दोनों ही शिरडी आये और प्रेमपूर्वक उन्होंने बाबा को निमन्त्रण दिया । तब उन्होंने अपने प्रतिनिधि शामा को ले जाने को कहा, परन्तु जब उन्होंने स्वयं पधारने के लिये उनसे आग्रह किया तो उन्होंने उत्तर दिया कि बनारस और प्रयाग निकल जाने के पश्चात, मैं शामा से पहले ही पहुँच जाऊँगा, पाठकगण । कृपया इन शब्दों को ध्यान में रखें, क्योंकि ये शब्द बाबा की सर्वज्ञता के बोधक है ।
बाबा की आज्ञा प्राप्त कर शामा ने इन उत्सवों में सम्मिलित होने के लिये प्रथम नागपुर, ग्वालियर और इसके पश्चात काशी, प्रयाग और गया जाने का निश्चय किया । अप्पाकोते भी शामा के साथ जाने को तैयार हो गये । प्रथम तो वे दोनों उपनयन संस्कार में सम्मिलित होने नागपुर पहुँचे । वहाँ काकासाहेब दीक्षित ने शामा को दो सौ रुपये खर्च के निमित्त दिये । वहाँ से वे लोग विवाह में सम्मिलित होनें ग्वालियर गये । वहाँ नानासाहेब चांदोरकर ने सौ रुपये और उनके संबंधी श्री. जुठर ने भी सौ रुपये शामा को भेंट किये । फिर शामा काशी पहुँचे, जहाँ जठार ने लक्ष्मी-नारायण जी के भव्य मंदिर में उनका उत्तम स्वागत किया, अयोध्या में जठार के व्यवस्थापक ने भी शामा का अच्छा स्वागत किया । शामा और कोते अयोध्या में 21 दिन तथा काशी (बनारस) में दो मास ठहर कर फिर गया को रवाना हो गये । गया में प्लेग फैलने का समाचार रेलगाड़ी में सुनकर इल नोगों को थोड़ी चिन्ता सी होने लगी । फिर भी रात्रि को वे गया स्टेशन पर उतरे और एक धर्मशाला में जाकर ठहरे । प्रातःकाल गया वाला पुजारी (पंडा), जो यात्रियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था किया करता था, आया और कहने लगा कि सब यात्री तो प्रस्थान कर चुके है, इसलिये अब आप भी शीघ्रता करे । शामा ने सहज ही उससे पूछा कि क्या गया में प्लेग फैला है । तब पुजारी ने कहा कि नहीं । आप निर्विघ्र मेरे यहाँ पधारकर वस्तुस्थिति का स्वयं अवलोकन कर ले । तब वे उसके साथ उसके मकान पर पहुँचे । उसका मकान क्या, एक विशाल महल था, जिसमें पर्याप्त यात्री विश्राम पा सकते थे । शामा को भी उसी स्थान पर ठहराया गया, जो उन्हें अत्यन्त प्रिय लगा । बाबा का एक बड़ा चित्र, जो कि मकान के अग्रिम बाग के ठीक मध्य में लगा था, देखकर वे अति प्रसन्न हो गये । उनका हृदय भर आया और उन्हें बाबा के शब्दों की स्मृति हो आई कि मैं काशी और प्रयाग निकल जाने के पश्चात शामा से आगे ही पहुँच जाऊँगा । शामा की आँखों से अश्रुओं की धारा बहने लगी और उनके शरीर में रोमांच हो आया तथा कंठ रुँध गया और रोते-रोते उनकी घिग्घियाँ बँध गई । पुजारी ने शामा की जो ऐसी स्थिति देखी तो उसने सोचा कि यह व्यक्ति प्लेगी की सूचना पर भयभीत होकर रुदन कर रहा है, परन्तु शामा ने उसी कल्पना के विपरीत ही प्रश्न किया कि यह बाबा का चित्र तुम्हें कहाँ से मिला । उसने उत्तर दिया कि मेरे दो-तीन सौ दलाल मनमाड और पुणताम्बे श्रेत्र में काम करते है तथा उस क्षेत्र से गया आने वाले यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा करते है । वहाँ शिरडी के साई महाराज की कीर्ति मुझे सुनाई पड़ी । लगभग बारह वर्ष हुए, मैंने स्वयं शिरडी जाकर बाबा के श्री दर्शन का लाभ उठाया था और वहीं शामा के घर में लगे हुए उनके चित्र से मैं आकर्षित हुआ था । तभी बाबा की आज्ञा से शामा ने जो चित्र मुझे भेंट किया था, यह वही चित्र है । शामा की पूर्व स्मृति जागृत हो आई और जब गया वाले पुजारी को यह ज्ञात हुआ कि ये वही शामा है, जिन्होंने मुझे इस चित्र द्घारा अनुगृहित किया था और आज मेरे यहाँ अतिथि बनकर ठहरे है तो उसके आनन्द की सीमा न रही । दोनों बड़े प्रेमपूर्वक मिलकर हर्षित हुए । फिर पुजारी ने शामा का बादशाही ढंग से भव्य स्वागत किया । वह एक धनाढ़्य व्यक्ति था । स्वयं डोली में और शामा को हाथी पर बिठाकर खूब घुमाया तथा हर प्रकार से उनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखा । इस कथा ने सिदृ कर दिया कि बाबा के वचन सत्य निकले । उनका अपने भक्तों पर कितना स्नेह था, इसको तो छोड़ो । वे तो सब प्राणयों पर एक-सा प्रेम किया करते थे और उन्हें अपना ही स्वरुप समझते थे । यह निम्नलिखित कथा से भी विदित हो जायेगा ।
दो बकरे
एक बार जब बाबा लेंडी बाग से लौट रहे थे तो उन्होंने बकरों का एक झुंड आते देखा । उनमें से दो बकरों ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर लिया । बाबा ने जाकर प्रेम-से उनका शरीर अपने हाथ से थपथपाया और उन्हें 32 रुपये में खरीद लिया । बाबा का यह विचित्र व्यवहार देखकर भक्तों को आश्चर्य हुआ और उन्होंने सोचा कि बाबा तो इस सौदे में ठगा गया है, क्योंकि एक बकरे का मूल्य उस समय 3-4 रुपये से अधिक न था और वे दो बकरे अधिक से अधिक आठ रुपये में प्राप्त हो सकते थे ।
उन्होंने बाबा को कोसना प्रारम्भ कर दिया, परन्तु बाबा शान्त बैठे रहे । जब शामा और तात्या ने बकरे मोल लेने का कारण पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया कि मेरे कोई घर या स्त्री तो है नही, जिसके लिये मुझे पैसे इकट्ठे करके रखना है । फिर उन्होंने चार सेर दाल बाजार से मँगाकर उन्हें खिलाई । जब उन्हें खिला-पिला चुके तो उन्होंने पुनः उनके मालिक को बकरे लौटा दिये । तत्पश्चात् ही उन्होने उन बकरों के पूर्वजन्मों की कथा इस प्रकार सुनाई । शामा और तात्या, तुम सोचते हो कि मैं इस सौदे में ठगा गया हूँ । परन्तु ऐसा नही, इनकी कथा सुनो । गत जन्म में ये दोनों मनुष्य थे और सौभाग्य से मेरे निकट संपर्क में थे । मेरे पास बैठते थे । ये दोनों सगे भाई थे और पहले इनमें परस्पर बहुत प्रेम था, परन्तु बाद में ये एक दूसरे के कट्टर शत्रु हो गये । बड़ा भाई आलसी था, किन्तु छोटा भाई बहुत परिश्रमी था, जिसने पर्याप्त धन उपार्जन कर लिया था, जससे बड़ा भाई अपने छोटे भाई से ईर्ष्या करने लगा । इसलिये उसने छोटे भाई की हत्या करके उसका धन हड़पने की ठानी और अपना आत्मीय सम्बन्ध भूलकर वे एक दूसरे से बुरी तरह झगड़ने लगे । बड़े भाई ने अनेक प्रत्यन किये, परन्तु वह छोटे भाई की हत्या में असफल रहा । तब वे एक दूसरे के प्राणघातक शत्रु बन गये । एक दिन बड़े भाई ने छोटे भाई के सिर पर लाठी से प्रहार किया । तब बदले में छोटे भाई ने भी बड़े भाई के सिर पर कुल्हा़ड़ी चलाई और परिणामस्वरुप वहीं दोनों की मृत्यु हो गई । फिर अपने कर्मों के अनुसार ये दोनों बकरे की योनि को प्राप्त हुये । जैसे ही वे मेरे समीप से निकले तो मुझे उनके पूर्व इतिहास का स्मरण हो आया और मुझे दया आ गई । इसलिये मैंने उन्हें कुछ खिलाने-पिलाने तथा सुख देने का विचार किया । यही कारण है कि मैंने इनके लिये पैसे खर्च किये, जो तुम्हें मँहगे प्रतीत हुए है । तुम लोगों को यह लेन-देन अच्छा नहीं लगा, इसलिये मैंने उन बकरों को गड़ेरिये को वापस कर दिया है । सचमुच बकरे जैसे सामान्य प्राणियों के लिये भी बाबा को बेहद प्रेम था ।
।। श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु । शुभं भवतु ।।
Om sai ram🌹🌹🌺🌺
ReplyDeleteOm Sai Sai Sai
DeleteOm Sai ram♥️
DeleteSai Ram
DeleteOm sai ram
DeleteOm sai raam
DeleteOm Sairam
DeleteOm sai ram🙏
Deletesai nath maharaj ki jai
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Om Sai Ram 🙏
DeleteOm Sai Ram
DeleteOm sai ram ji ❤️🌸🌸
DeleteOmsairam 🌺🙏🏻😇
DeleteOm sai Ram
DeleteOm Sai ram
DeleteJai sai ram🙏🏻
Deleteom sai ram ji
DeleteOm Sai Ram jii 🙏🙏
DeleteOm Sai Ram 🙏🙏
DeleteOm sai ram
DeleteOm sai ram g♥️🙏
DeleteOm Sai Ram jii 🙏🙏
DeleteOMM SAI RAM 🙏
DeleteOm sai ram baba ❤ 🙏
DeleteOm Sai ram
ReplyDeleteOn Sai ram
ReplyDeleteOm Shri Sai Ram
ReplyDeleteॐ साई राम
ReplyDeletejai sai samarth jai jai ho sai samarth ki.om sai ram
ReplyDeleteSai Sai Sai
ReplyDeleteJai sai ram
ReplyDeleteLove you baba
Om shred sadchidanand sadguru sainath maharaja ki jai jai ho shirdi sai ki shirdi sai namo namah sadguru sai namo namah
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeletejai sai ram🍎👏🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram, Shirdi bula lo Sai, I love you , Apney pass bula lo...,
ReplyDeleteJai sai ram��
ReplyDeleteOm sai ram. Baba bless everyone��
ReplyDeleteShree satguru sainath Maharaj ki Jai🌹🌹🌹
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteJai sai ram
DeleteOm sai ram baba daya karna. Bacchoo ka man padai me lga do baba. Jai sai nath
ReplyDeleteSai apki jai ho
ReplyDeleteOm sai ram har har mahadev jai sabhi devi devtao ji ki jai ho jai maa 😘🙏🙏😊😊😊🎂😊🎉🎂🎉😊🎂
ReplyDeleteOm Sai Ram��
ReplyDeleteSri Sai🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSri Sai🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteOm sai ram 🌹 🌹
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm jai sai ram🙏🙏🙏
ReplyDeleteSri Sai🙏🌹❤️
ReplyDeleteOM SAI NATHAY NAMAH .HEY SAI BABAJI MUJHHE SWASTH KR SIJIYE HUM SAB KO SWASTH AUR KHUSH KAR DINIYE.MERI SABHI CHINTAO AUR TANAAVO KO DOOR KAR DINIYE SAI NATH
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteBaba mere bacchoo ka man padhai me laga do jai sai ram
OM SAI RAM 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐🌹
ReplyDeleteOm sai Ram
ReplyDeleteJai sai baba....flat mil jaye aaj
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDelete����Om Sai Ram����
ReplyDeleteSri Sai🌼🌷🌹🌺🌼🌷🌹🌷🌼🙏
ReplyDeleteSri sai🙏🌹
ReplyDeleteSai kripa banaye Rakhna... Om shree Sai Namo Namah... Sadgiru Sai Namo Namah... Jay Jay Sai Namo Namah🙏🙏 Shirdi Sai Namo Namah
ReplyDeleteOm jai sai ram
ReplyDeleteOm Sadguru Sai Ram 🙏
ReplyDelete❤️🙏🏼om sai ram❤️🙏🏼
ReplyDelete🙏🏻❤JAI SAI RAM❤🌹
ReplyDeleteOm Sai Nath 🙏🙏om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram
ReplyDeleteOm sai Ram ji 🙏🏼
ReplyDeletesai rhm njr krna bcho ka paln krna 🙏 i m sorry plz forgive me 🙏 thanku so much sai g ❣️ love you so much sai g ❣️
ReplyDeleteSri Sai🌷🌹❤️🌻🌼💐🌺🌹🙏
ReplyDeleteOm sai ram om sai Ram omsai ram om sai ram om da ram om sai Ram sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram.baba pls aapne bache ko theek kar do pls baba.
ReplyDeleteOm sai Ram.baba pls keep everyone healthy.pls mere ma papa ko kush rakhna
ReplyDeleteSai raham najar krna shivank g 🙏or unkj family ki rakhsa krna 🙏mera sahara mere saiya mera vishwas hai🙏 I m sorry plz forgive me🙇 I thanku i love you so much baba ji🙏 👨👩👦👦😘
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram 👏 pls be with us baba we are nothing without you 👏👏👏
ReplyDeleteSAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeleteBABA FORFIVE ME FOR ALL MY SINS M NT WORTHY STIL U R WITH US BABA PROTECT THIS WORLD AND US FROM ALL EVILS AND DISEASES WE BOW N SURRENDER TO YOU
OM SAI RAM JAI SAI RAM MERE SAI RAM🙏😇
Om sai ram ji
ReplyDeleteOm sai ram 🙏🙏
ReplyDeleteSAI RAM KRISHNA HARE
ReplyDeletePLZ FORGIVE ME FOR ALL MY SINS BABA PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL SINS AND DISEASES M WORTHLESS FORGIVE ME SAI.
OM SAI RAM
MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI
JAI SAI RAM🙏😇
Baba Meray Sai Nath please meri mummy ko theak kardo
ReplyDeletePlease baba
🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteBABA MERE BACHE KO TARAKKI DE DOH
🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
Om Sai Ram daya mera sautela bhai mera sampati bechne me badha de raha, sab hadap na chata hai .Mai kiya karu mere baba par daya kare please mera jamin bikwa de yea mughe is jivan se mukti de.
ReplyDeleteOm Sai Ram Mughe mukti chaiea
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏🙏🙏🙏🙏
DeleteSri Sai 🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹
ReplyDeleteOm sai ram🙏🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏🏻🌹
ReplyDeleteBaba pls solve this family issues pls Baba 👏👏👏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSri Sai 🙏
ReplyDeleteJai sai ram baba sab thik kardo
ReplyDeleteOm jai shree sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram🌹🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram Ji❤
ReplyDeleteBaba love u so much baba sabka khyal rakhna
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏🙏
ReplyDeleteSri Sai 🙏
ReplyDelete🌸Om 🕉 Shri Sai Ram baba 🌸🌸🌻🌻🌹🌹
ReplyDeleteMera sahara mere saiya mera vishwas hai 🙏💏
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏
ReplyDeleteRaham najar kro ab mere sai 🙏om sai ram g🙏
ReplyDeleteॐ साईं राम राम 😢🎂🎂💐
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌹🌹
ReplyDeleteOm shri sai natkhat namah
ReplyDeleteOm shri sai nathay namah
DeleteOm shri sai nathay namah
ReplyDeleteOm shri sai Nathay Namah
DeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
ReplyDeleteBaba aapke sahare ❤️🙏
Baba jee APKO KOTEE KOTEE PARNAM
ReplyDeleteCHARAN SPARASH CHARAN VANDHANA 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Om sai ram baba hum sab per apni Kripa banay rakhnajai sai nath
ReplyDeleteOm namoh shri sai prabhu namah 🙏
ReplyDeletePrabhu Sai ho tum mere
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌹🙏
ReplyDeleteI'm Sai Ram🙏🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm sai
ReplyDeleteBaba, please help me. You know everything. 🌸💕🙏
ReplyDeleteOm sai🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram Sai reham nazar karna bache ka palan karna om sai ram om sai ram Om sai ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🌷🥭🥭🥭🥭🔱🔱❤️💛💛
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteGuru kripa sada bani rahe mere sai
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🙏🌹🙏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🙏🙏🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
DeleteGuru maharaj sai baba hamesha apna aashirwad hum par banaye rakhna 🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram daya Kare baba
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOm sai ram🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteSai sabse bade guru hain
ReplyDeleteOm sai ram🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai Ram Ji
ReplyDeleteOm sai ram g g🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
ReplyDeleteOm Shree Sachidanand Satguru ShivSai Nath Maharaj ki Jai
ReplyDelete🙏🌻⚘
ReplyDeleteSai tumhari jaijaikaar hove🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm namah shivay 🙏shiv g sda sahay 🙏om namah shivay🙏 guru g sda sahay🙏 om namah shivay🙏 sai g sda sahay🙏
ReplyDeleteJai sai Ram 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteSai raham Nazar karna,bachcho ka palan karna 🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram ji 🙏🌹
ReplyDeleteJai sai 🙏
ReplyDelete🙏🏻🌹ॐ साई राम 🌹🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai ram Sai ma
ReplyDeleteOm Sai maa maa mere bachho ki sadiv raksha kare apna aashis unhe pradan kare
ReplyDelete🙏🏻🌹ॐ साई राम 🌹🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shree sai nathaya namaha
ReplyDeleteSai tum mere bhagwan ,meri aan meri shaan 🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram Om Sai Shyam
ReplyDeleteSai Baba sari uljhane suljha deejiye 🙏🙏
ReplyDeleteSai tum mere bhagwan ho sada hum par ashirwad banaye rakhna 🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram g
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteBaba mere bachchon ke har faisale par apni muhar lagana🙏🙏
ReplyDeleteJai sai 🙏
ReplyDeleteDayalu faqir tumhara aashirwad sada hamare saath rahe 🙏🙏
ReplyDelete