Sai Satcharitra Hindi chap 36
श्री साई सच्चरित्र
अध्याय 36 - आश्चर्यजनक कथायें, गोवा के दो सज्जन और श्रीमती औरंगाबादकर ।
इस अध्याय में गोवा के दो महानुभावों और श्रीमती औरंगाबादकर की अदभुत कथाओं का वर्णन है ।
गोवा के दो महानुभाव
एक समय गोवा से दो महानुभाव श्री साईबाबा के दर्शनार्थ शिरडी आये । उन्होंने आकर उन्हें नमस्कार किया । यघपि वे दोनों एक साथ ही आये थे, फिर भी बाबा ने केवल एक ही व्यक्ति से पन्द्रह रुपये दक्षिणा माँगी, जो उन्हें आदर सहित दे दी गई । दूसरा व्यक्ति भी उन्हें सहर्ष 35 रुपये दक्षिणा देने लगा तो उन्होंने उसकी दक्षिणा लेना अस्वीकार कर दिया । लोगों को बड़ा आर्श्चय हुआ । उस समय शामा भी वहाँ उपस्थित थे । उन्होंने कहा कि देवा । यह क्या, ये दोनों एक साथ ही तो आये है । इनमें से एक की दक्षिणा तो आप स्वीकार करते है और दूसरा जो अपनी इच्छा से भेंट दे रहा है, उसे अस्वीकृत कर रहे है । यह भेद क्यों । तब बाबा ने उत्तर दिया कि शामा । तुम नादान हो । मैं किसी से कभी कुछ नहीं लेता । यह तो मसजिद माई ही अपना ऋण माँगती है और इसलिये देने वाला अपना ऋण चुकता कर मुक्त हो जाता है । क्या मेरे कोई घर, सम्पत्ति या बाल-बच्चे है, जिनके लिये मुझे चिन्ता हो । मुझे तो किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं है । मैं तो सदा स्वतंत्र हूँ । ऋण, शत्रुता तथा हत्या इन सबका प्रायश्चित अवश्य करना पड़ता है और इनसे किसी प्रकार भी चुटकारा संभव नहीं है । तब बाबा अपने विशेष ठंग से इस प्रकार कहने लगे ।
अपने जीवन के पूर्वार्द्घ में ये महाशय निर्धन थे । इन्होंने ईश्वर से प्रतिज्ञा की थी कि यदि मुझे नौकरी मिल गई तो मैं एक माह का वेतन तुम्हें अर्पण करुँगा । इन्हें 15 रुपये माहवार की एक नौकरी मिल गई । फिर उत्तरोत्तर उन्नति होते होते 30, 60, 100, 200 और अन्त में 700 रुपये तक मासिक वेतन हो गया । परन्तु समृदघि पाकर ये अपना वचन भूल गये और उसे पूरा न कर सके । अब अपने शुभ कर्मों के ही प्रभाव से इन्हें यहाँ तक पहुँचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है । अतः मैंने इनसे केवल पन्द्रह रुपये ही दक्षिणा माँगी, जो इनके पहले माह की पगार थी ।
दूसरी कथा
समुद्र के किनारे घूमते-घूमते मैं एक भव्य महल के पास पहुँचा ौर उसकी दालान में विश्राम करने लगा । उस महल के ब्राहमण स्वामी ने मेरा यथोचित स्वागर कर मुझे बढ़िया स्वादिष्ट पदार्थ खाने को दिये । भोजन के उपरान्त उसने मुझे आलमारी के समीप एक स्वच्छ स्थान शयन के लिये बतला दिया और मैं वहीं सो गया । जब मैं प्रगाढ़ निद्रा में था तो उस व्यक्ति ने पत्थर खिसकाकर दीवाल में सेंध डाली और उसके द्घारा भीतर घुसकर उसने मेरी खीसा कतर लिया । निद्रा से उठने पर मैंने देखा कि मेरे तीस हजार रुपये चुरा लिये है । मैं बड़ी विपत्ति में पड़ गया और दुःखित होकर रोता बैठ गया । केवल नोट ही नोट चुरा लिये थे, इसलिये मैंने सोचा कि यह कार्य उस ब्राहमण के अतिरिक्त और किसी का नहीं है । मुझे खाना-पीना कुछ भी अच्छा न लगा और मैं एक पखवाड़े तक दालान में ही बैठे बैठे चोरी का दुःख मनाता रहा । इस प्रकार पन्द्रह दिन व्यतीत होने पर रास्ते से जाने वाले एक फकीर ने मुझे दुःख से बिलखते देखकर मेरे रोने का कारण पूछा । तब मैंने सब हाल उससे कह सुनाया । उसने मुझसे कहा कि यदि तुम मेरे आदेशानुसार आचरण करोगे तो तुम्हारा चुराया धन वापस मिल जायेगा मैं एक फकीर का पता तुम्हें बताता हूँ । तुम उसकी शरण में जाओ और उसकी कृपा से तुम्हें तुम्हारा धन पुनः मिल जायेगा । परन्तु जब तक तुम्हें अपना धन वापस नहीं मिलता, उस समय तक तुम अपना प्रिय भोजन त्याग दो । मैंने उस फकीर का कहना मान लिया और मेरा चुराया धन मिल गया । तब मैं समुद्र तट पर आया, जहाँ एक जहाज खड़ा था, जो यात्रियों से ठसाठस भर चुक था । भाग्यवश वहाँ एक उदार प्रकृति वाले चपरासी की सहायता से मुझे एक स्थान मिल गया । इस प्रकार मैं दूसरे किनारे पर पहुँचा और वहाँ से मैं रेलगाड़ी में बैठकर मसजिद माई आ पहुँचा ।
कथा समाप्त होते ही बाबा ने शामा से इन अतिथियों को अपने साथ ले जाने और भोजन का प्रबन्ध करने को कहा । तब शामा उन्हें अपने घर लिवा ले गया और उन्हें भोजन कराया । भोजन करते समय शामा ने उनसे कहा कि बाबा की कहानी बड़ी ही रहस्यपूर्ण है, क्योंकि न तो वे कभी समद्र की ओर गये है और न उनके पास तीस हजार रुपये ही थे । उन्होंने न कहीं भी यात्रा ही की, न उनकी कोई रकम ही चुरायी गई और न वापस आई । फिर शामा ने उन लोगों से पूछा कि आप लोगों को कुछ समझ में आया कि इसका अर्थ क्या था । दोनों अतिथियों की घिग्घियाँ बँध गई और उनकी आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी । उन्होंने रोते-रोते कहा कि बाबा तो सर्वव्यापी, अनन्त और परब्रहमा स्वरुप है । जो कथा उन्होंने कही है, वह बिलकुल हमरी ही कहानी है और वह मेरे ऊपर बीत चुकी है । यह महान् आश्र्य है कि उन्हें यह सब कैसे ज्ञात हो गया । भोजन के उपरान्त हम इसका पूर्ण विवरण आपको सुनायेंगे ।
भोजन के पश्चात् पान खाते हुये उन्होंने अपनी कथा सुनाना प्रारम्भ कर दिया । उनमें से एक कहने लगा –
घाट में एक पहाड़ी स्थान पर हमारा निवास-स्थान है । मैं अपने जीवन-निर्वाह के लिये नौकरी ढूँढने गोवा आया था । तब मैंने भगवान दत्तात्रेय को वचन दिया था कि यदि मुझे नौकरी मिल गई तो मैं तुम्हें एक माह की पगार भेंट चढ़ाऊँगा । उनकी कृपा से मुझे 15 रुपये मासिक की नौकरी मिल गई और जैसा कि बाबा ने कहा, उसी प्रकार मेरी उन्नति हुई । मैं अपना वचन बिलकुल भूल गया था । बाबा ने उसकी स्मृति दिलायी और मुझसे 15 रुपये वसूल कर लिये । आप लोग इसे दक्षिणा न समझे । यह तो एक पुराने ऋण का भुगतान है तथा दीर्घकाल से भूली हुई प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई है ।
शिक्षा
यथार्थ में बाबा ने कभी किसी से पैसा नहीं माँगा और न ही अपने भक्तों को ही माँगने दिया । वे आध्यात्मिक उन्नति में कांचन को बाधक समझते थे और भक्तों को उसके पाश से सदैव बचाते रहते थे । भगत म्हालसापति इसके उदाहरणस्वरुप है । वे बहुत निर्धन थे और बड़ी कठिनाई से ही अपनी जीवन बिताते थे । बाबा उन्हें कभी पैसा माँगने नहीं देते थे और न ही वे अपने पास की दक्षिणा में से उन्हें कुछ देते थे । एक बार एक दयालु और सहृदय व्यापारी हंसराज ने बाबा की उपस्थिति में ही एक बड़ी रकम म्हालसापति को दी, परन्तु बाबा ने उनसे उसे अस्वीकार करने को कह दिया ।
अब दूसरा अतिथि अपनी कहानी सुनाने लगा । मेरे पास एक ब्राहमण रसोइया था, जो गत 35 वर्षों से ईमानदारी से मेरे पास काम करता आया था । बुरी लतों में पड़कर उसका मन पलट गया और उसने मेरे सब रुपये चोरी कर लिये । मेरी आलमारी दीवाल में लगी थी और जिस समय हम लोग गहरी नींद में थे, उसने पीछे से पत्थर हटाकर मेरे सब तीस हजार रुपयों के नोट चुरा लिये । मैं नही जानता कि बाबा को यह ठीक-ठीक धन-राशि कैसे ज्ञात हो गई । मैं दिन-रात रोता और दुःखी रहता था । एक दिन जब मैं इसी प्रकार निराश और उदास होकर बरामदे में बैठा था, उसी समय रास्ते से जाने वाले एक फकीर ने मेरी स्थिति जानकर मुझसे इसका कारण पूछा । मैंने उसे सब हाल सुनाया । तब उसने बताया कि कोपरगाँव तालुके के शिरडी ग्राम में श्री साईबाबा नाम के एक औलिया रहते है । उन्हें वचन दो तथा अपना रुचिकर भोज्य पदार्थ त्याग, मन में कहो कि जब तक मैं तुम्हारा दर्शन न कर लूँगा, उस पदार्थ को कदापि न खाऊँगा । तब मैंने चावल खाना छोड़ दिया और बाब को वचन दिया, बाबा । जब तक मुझे तुम्हारे दर्शन नहीं होते तथा मेरी चुराई गई धन राथि नहीं मिलती, तब तक मैं चावल ग्रहण न करुँगा । इस प्रकार जब पन्द्रह दिन बीत गये, तब वह ब्राहमण स्वयं ही आया और सब धनराशि लौटाकर क्षमायाचनापूर्वक कहने लगा कि मेरी मति ही भ्रष्ट हो गयी थी, जो मुझसे आपका ऐसा अपराध बन गया है । मैं आपके पैर पड़ता हूँ । मुझे क्षमा करें । इस प्रकार सब ठीक-ठाक हो गया । जिस फकीर से मेरी भेंट हुई थी तथा जिसने मुझे सहायता पहुँचाई थी, वह फकीर फिर मेरे देखने में कभी नहीं आया । मेरे मन में श्रीसाईबाबा के दर्शन की, जिनके लिये फकीर ने मुझसे कहा था, बड़ी तीव्र उत्कंठा हुई । मैंने सोचा कि जो फकीर मेरे घर पर आया था, वह साईबाबा के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं हो सकता । जिन्होंने मुझे कृपाकर दर्शन दिये और मेरी इस प्रकार सहायता की । उन्हें 35 रुपये का लालच कैसे हो सकता था । इसके विपरीत वे अहेतुक ही आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर ले जाने का पूरा प्रत्यन करते है ।
जब चोरी गई राशि मुझे पुनः प्राप्त हो गई, तब मेरे हर्ष का पारावार न रहा । मरी बुद्घि भ्रमित हो गई और मैं अपना वचन भूल गया । कुलाबा मे एक रात्रि को मैंने साईबाबा को स्वप्न में देखा । तभी मुझे अपनी शिरडी यात्रा के वचन की स्मृति हो आई । मैं गोवा पहुँचा और वहाँ से एक स्टीमर द्घारा बम्बई पहुँच कर शिरडी जाना चाहता था । परन्तु जब मैं किनारे पर पहुँचा तो देखा कि स्टीममर खचाखच भर चुका है और उसमें बिलकुल भी जगह नहीं है । कैप्टन ने तो मुझे चढ़ने न दिया, परन्तु एक अपरिचित चपरासी के कहने पर मुझे स्टीमर में बैठने की अनुमति मिल गयी और मैं इस प्रकार बम्बई पहुँचा । फिर रेलगाड़ी में बैठकर यहाँ पहुँच गया । बाबा के सर्वव्यापी और सर्वज्ञ होने में मुझे कोई शंका नहीं है । देखो तो, हम कौन है और कहाँ हमारा घर । हमारे भाग्य कितने अच्छे है कि बाबा हमारी चुराई गई राशि वापस दिलाकर हमें यहाँ खींच कर लाये । आप शिरडीवासी हम लोगों की अपेक्षा सहस्त्रगुने श्रेष्ठ और भाग्यशाली है, जो बाबा के साथ हँसते-खेलते, मधुर भाषण करते और कई वर्षों से उनके समीप रहते हो । यह आप लोगों के गत जन्मों के शुभ संस्कारों का ही प्रभाव है, जो कि बाबा को यहाँ खींच लाया है । श्री साई ही हमारे लिये दत्त है । उन्होंने ही हमसे प्रतिज्ञा कराई तथा जहाज में स्थान दिलाया और हमें यहाँ लाकर अपनी सर्वव्यापकता और सर्वज्ञता का अनुभव कराया ।
श्रीमती औरंगाबादकर
सोलापुर के सखाराम औरंगाबादकर की पत्नी 27 वर्ष की दीर्घ अवधि के पश्चात भी निःसन्तान ही थी । उन्होंने सन्तानप्राप्ति के निमित्त देवी और देवताओं की बहुत मानतायें की, परन्तु फिर भी उनकी मनोकामना सिदृ न हुई । तब वे सर्वथा निराश होकर अन्तिम प्रयत्न करने के विचार से अपने सौतेले पुत्र श्री विश्वनाथ को साथ ले शिरडी आई और वहाँ बाबा की सेवा कर, दो माह रुकी । जब भी वे मसजिद को जाती तो बाबा को भक्त-गण से घिरे हुये पाती । उनकी इच्छा बाबा से एकान्त में भेंट कर सन्तानप्राप्ति के लिये प्रार्थना करने की थी, परन्तु कोई योग्य अवसर उनके हाथ न लग सका । अन्त मे उन्होंने शामा से कहा कि, जब बाबा एकान्त में हो तो मेरे लिये प्रार्थना कर देना । शामा ने कहा कि बाबा का तो खुला दरबार है । फिर भी यदि तुम्हारी ऐसी ही इच्छा है तो मैं अवश्य प्रयत्न करुँगा, परन्तु यश देना तो ईश्वर के ही हाथ है । भोजन के समय तुम आँगन में नारियल और उदबत्ती लेकर बैठना और जब मैं संकेत करुँ तो कड़ी हो जाना । एक दिन भोजन के उपरान्त जब शामा बाबा के गीले हाथ तौलिये से पोंछ रहे थे, तभी बाबा ने उनके गालपर चिकोटी काट ली । तब शामा क्रोधित होकर कहने लगे कि देवा । यह क्या आपके लिये उचित है कि आप इस प्रकार मेरे गाल पर चिकोटी कांटे । मुझे ऐसे शरारती देव की बिलकुल आवश्यकता नही, जो इस प्रकार का आचरण करें । हम आप पर आश्रित है, तब क्य यही हमारी घनिष्ठता का फल है । बाबा ने कहा, अरे । तुम तो 72 जन्मों से मेरे साथ हो । मैंने अब तक तुम्हारे साथ ऐसा कभी नहीं किया । फिर अब तुम मेरे स्र्पर्श को क्यों बुरा मानते हो । शामा बोले कि मुझे तो ऐसा देव चाहये, जो हमें सदा प्यार करे और नित्य नया-नया मिष्ठान खाने को दे । मैं तुमसे किसी प्रकार के आदर की इच्छा नहीं रखता और न मुझे स्वर्ग आदि ही चाहिये । मेरा तो विश्वास तुम्हारे चरणों में ही जागृत रहे, यही मेरी अभिलाषा है । तब बाबा बोले कि हाँ, सचमुच मैं इसीलिये यहाँ आया हूँ, मैं सदैव तुम्हारा पालन और उदरपोषण करता आया हूँ, इसीलिये मुझे तुमसे अधिक स्नेह है ।
जब बाबा अपनी गादीपर विराजमान हो गये, तभी शामा ने उस स्त्री को संकेत किया । उसने ऊपर आकर बाबा को प्रणाम कर उन्हें नारियल और ऊदबत्ती भेंट की । बाबा ने नारियल हिलकार देखा तो वह सूखा था और बजता था । बाबा ने शामा से कहा कि यह तो हिल रहा है । सुनो, यह क्या कहता है । तभी शामा ने तुरन्त कहा कि यह बाई प्रार्थना करती है कि ठीक इसी प्रकार इनके पेट में भी बच्चा गुड़गुड़ करे, इसलिये आर्शीवाद सहित यह नारियल इन्हें लौटा दो । तब फिर बाबा बोले कि क्या नारियल से भी सन्तान की उत्पत्ति होती है । लोग कैसे मूर्ख है, जो इस प्रकार की बाते गढ़ते है . शामा ने कहा कि मैं आपके वचनों और आशीष की शक्ति से पूर्ण अवगत हूँ और आपके एक शब्द मात्र से ही इस बाई को बच्चों का ताँता लग जायेगा । आप तो टाल रगहे है और आर्शीवाद नहीं दे रहे है । इस प्रकार कुछ देर तक वार्तालाप चलता रहा । बाबा बार-बार नारियल फोड़ने को कहते थे, परन्तु शामा बार-बार यही हठ पकड़े हुये थे कि इसे उस बाई को दे दे । अन्त में बाबा ने कह दिया कि इसको पुत्र की प्राप्ति हो जायेगी । तब शामा ने पूछा कि कब तक बाबा ने उत्तर दिया कि 12 मास में । अब नारियल को फोड़कर उसके दो टुकड़े किये गये । एक भाग तो उन दोनों नेखाया और दूसरा भाग उस स्त्री को दिया गया ।
तब शामा ने उस बाई से कहा कि प्रिय बहिन । तुम मेरे वचनों की साक्षी हो । यदि 12 मास के भीतर तुमको सन्तान न हुई तो मैं इस देव के सिर पर ही नारियल फोड़कर इसे मसजिद से निकाल दूँगा और यदि मैं इसमें असफल रहा तो मैं अपनो को माधव नहीं कहूँगा । जो कुछ भी मैं कह रहा हूँ, इसकी सार्थकता तुम्हें शीघ्र ही विदित हो जायेगी ।
एक वर्ष में ही उसे पुत्ररत्न की प्राप्त हुई और जब वह बालक पाँच मास का था, उसे लेकर वह अपने पतिसहित बाबा के श्री चरणों में उपस्थित हुई । पति-पत्नी दोनों ने उन्हें प्रणाम किया और कृतज्ञ पिता (श्रीमान् औरंगाबादकर) ने पाँच सौ रुपये भेंट किये, जो बाबा के घोड़े श्याम कर्ण के लिये छत बनाने के काम आये ।
।। श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु । शुभं भवतु ।।
Om shivsai
ReplyDeleteOm Sai ram
DeleteOm Sai Ram
DeleteAum Sai Ram 🙏🏾🌺
DeleteOm Sai ram please give mental peace
DeleteOm sai ram ji 🙏
DeleteOm Sai
DeleteOm Sai Ram jii 🙏🙏
DeleteOm sai ram
DeleteSai is everything for me .
DeleteOm sai ram.
DeleteOm Sai Ram 🙏🙏
Deleteॐ साई राम
Delete🪷Om Sai Ram🪷
DeleteOM Sai Ram
DeleteOm sai Sai sai
ReplyDeleteSri sai
ReplyDeleteOm sai ram sai mere sai mere shirdi me swami mere data vidhata sabaka sai sabka rakhavala
ReplyDeletejai sai ram🍎🌹
ReplyDeleteSai Sai Sai🙏
ReplyDeleteOm Sainathaye namh
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDelete🙏🚩🌹om sai ram🌹🚩🙏
ReplyDeleteOm sai ram har har mahadev jai sabhi devi devtao ji ki jai ho jai 🙏🎂💐🎂💐🎂💐🎂💐🎂
ReplyDeleteSainath maharaj ki Jai
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteom sai Ram🙏🙏🙏🙏🙏
Deleteजय श्री सांइ राम
ReplyDeleteSai Ram😊😊😊😊
ReplyDeleteSRI Sai 🙏🏻
ReplyDeleteOm sai ram ji
ReplyDeleteOm sai ram🙏
ReplyDeleteOm namoh Shri sai Prabhu Namah 🙏 love you lots Baba g 🙏 love you lots Baba g 🙏
ReplyDeleteOM SAI RAM����
ReplyDeleteLove u baba��
ReplyDeleteSri Sai 🙏🏻🙏🏻♥️
ReplyDeleteहे सांई देवा आप महान हैं,सबके दिल की बात जानते हैं,मेरी भी सूनी गोद भऱ दीजिये बाबा सब अच्छा रखते हुये । ओम सांई नाथ 🙏
ReplyDeleteJai sai baba🙏
ReplyDeletemera Sahara mere saiya mera vishwas hai 🙏 love you so much baba g 🙏 thankuuuu you so much baba g 🙏
ReplyDeleteLove u baba
ReplyDeleteSri sai 🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🌷
ReplyDeletejai shri sai Samarth 🙏 love you so much baba g 🙏
ReplyDeleteSri Said🙏🏼🙏❤️🌹🌼🌻🌷❣️🌺💐
ReplyDeleteOm Sai Namo Namah🙏🙏
ReplyDeleteSri Sai🌹❤️🌹🌷🌻🌼💐🌺🌹🌷💐🌻🌼🌺🌹🙏
ReplyDeleteBaba apki jai ho
ReplyDelete🙏Om Sri sai ram g ki jai.... Om sai nathay namah.... 🙏
ReplyDeleteOm Sai Namo Namah
ReplyDeleteShree Sai Namo Namah
Jai Jai Sai Namo Namah
Sadguru Sai Namo Namah
🙏🙏🕉OM SAI RAM 🕉🙏🙏
ReplyDeleteOM SAI RAM��JAI SAI RAM�� MERE SAI PYARE SAI SABKE SAI����
ReplyDeleteOM SAI RAM��
ReplyDeleteOM SAI RAM ��
ReplyDeleteOM SAI SHRI SAI JAI JAI SAI
ReplyDeleteOM SAI RAM��
Jai shri sai samarth 🙏mera sahara mere saiya mera vishwas hai 🙏i m sorry🙏 plz forgive me🙇 i thanku i love you so much baba ji🙏
ReplyDelete🙏JAI SAI DEVA🌹🌻OM SAI RAM🌹🌻🙏🙏
ReplyDeleteOm sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram 👏 Baba pls be with us always we are nothing without you 👏👏👏
ReplyDeleteॐसाईराम
ReplyDeleteSri Sai 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteOm sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram om sai ram baba pls be with us always we are nothing without you 👏👏👏 Baba
ReplyDeleteOm Sai ram,
ReplyDeleteOm Sai Ram 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏
ReplyDeleteOm sai ram mere baba 🙏
ReplyDeleteBaba pls solve this family issues pls deva👏👏👏
ReplyDeleteSai Sai Sai
ReplyDeleteOm Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram om Sai Ram🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteOm Sairam Ji
ReplyDeleteOM SAI SHRI SAI JAI JAI SAI
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏❤🌹
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm sai ram🙏 jii
ReplyDeleteOM SAI RAM BABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL DISEASES SINS N EVILS WE SURRENDER TO U BABA
ReplyDeleteHELP US SAI
BOW TO SHRI SAI BABA PEACE BE TO ALL
JAI SAI SHIV ❤️🙏
OM SAI RAM
ReplyDeleteBABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS
PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL DISEASES SINS N EVILS WE SURRENDER TO U BABA HELP US
BOW TO SHRI SAI BABA PEACE BE TO ALL
JAI SAI SHIV❤️🙏
OM SAI RAM
ReplyDeleteBABA FORGIVE ME FOR ALL MY SINS
PROTECT THIS WORLD N US FROM ALL DISEASES SINS N EVILS
WE SURRENDER TO U BABA
HELP ME SAI NATH MERE SADHGURU
BOW TO SHRI SAI BABA PEACE BE TO ALL ❤️🙏
JAI SAI SHIV
ReplyDeleteJAI SAI SHIV
JAI SAI SHIV❤️🙏
Om Sai Ram 🌹🙏
ReplyDelete🕉 Shri Sai Ram baba 🌷 🌹🌸🌸🌻🌻
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba always stay happy baba I am always with you baba may all your children be the happiest baba thank you baba for fulfilling all my wishes please always stay with us and baba please fulfil all your devotees wishes baba love you mere baba🙏🌹🥭🥭
ReplyDeleteMera sahar mere saiya mera vishwas hai 🙏
ReplyDeleteOm shri Sai ram 🌹🙏🥭🥭
ReplyDeleteJai Sainath 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏
ReplyDeleteRaham najar kro ab mere sai 🙏om sai ram g 🙏
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteSai
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌹🙏
ReplyDeleteOm shri Sai ram mere pyare baba🌹🙏🙏
ReplyDeleteSAI NATH JEE
ReplyDeleteI HAVE SURRENDERED MYSELF ON YOUR HOLY LOTUS FEET
PLEASE BLESS US
APKO KOTEE KOTEE PARNAM 🙏🙏
Om Sai Ram Sai Reham Nazar karna bache ka palan karna
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌷🙏🌹🌹
ReplyDeleteOm shri Sai Ram 🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm jai SaiRam ki
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏
ReplyDelete🌹JAI SAI RAM🙏🏻
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🌷🙏🙏
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹💛🙏🙏
ReplyDeleteom shri sainathaya namah🙏🙏
ReplyDelete27April 2023 at 10:45om shri sainathaya namah
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌷🙏
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🙏🌷
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteSai Baba tum sada hamare saath rahoge ye kripa karna
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm shri Sai Ram mere pyare baba 🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm shri Sai Ram🌹🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteSai baba aap hum sab bhakto ke guru ho
ReplyDeleteOm shri Sai ram🙏🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm shri Sai Ram 🌹🙏🌹
ReplyDeleteOm sai ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm sai ram g
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteom sai ram🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram❤️🙏
ReplyDeletesai sada humare sath rahna
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOn Sai Ram ❤️
ReplyDeleteOm Sai ram
ReplyDeleteSai tum sada hamare saath rahna🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteBaba mere bachho ki sadiv raksha kare apna aashis unhe pradan kare
ReplyDeleteOm namah shivay 🙏shiv g sda sahay 🙏om namah shivay🙏 guru g sda sahay🙏 om namah shivay🙏 sai g sda sahay🙏
ReplyDeleteOm sairam
ReplyDeleteSai baba aap sada hamare saath rahna 🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram💐🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteSai ki bhakti hame bhi prapt howe
ReplyDelete🙏🏻🌹Om Sai Ram🌹🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai maa maa mere bachho ki sadiv raksha kare apna aashis unhe pradan kare
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏KIRPA KRO SAI RAM🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏💕
ReplyDelete🙏🏻🌹ॐ साई राम 🌹🙏🏻
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteOm Sai Ram
ReplyDeleteDayalu fakir sada hamari sahayta karna🙏🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram Om Sai Ram Om Sai Ram
ReplyDeleteSri Sai 🙏💟
ReplyDeleteOm sai ram 🌹🌼🙏🙏
ReplyDeleteSai hum par kripa banaye rakhna 🙏🎂
ReplyDeleteJai sai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteSai baba tumhe pranam,leti hun jab tera naam,har subah o har shaam,lagta hai jeena aasan 🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏🕉 OM SAI RAM 🕉 🙏 🙏
ReplyDeleteOm Sai Ram
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