Saturday, 28 April 2012

Hindi Poems for Shirdi Sai

1) य सांई राम

जाति-पाति से बडा़ धर्म है।
धर्म ध्यान से बडा़ कर्म है।
कर्म-कांड से बड़ा मर्म है।
मगर सबसे बड़ा यहां यह छोटा सा इन्सान है और अगर वह प्यार करे तो धरती स्वर्ग समान है।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम
2) भोला है सांई बाबा भोला है सांई
तुमसा कोई ना दाता तू ही जग का सुखदाता
तुमने ही सारे जग की बिगड़ी सँवारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई...
3)  शिर्डी के गुरु का नाम जब होठो पे आयेगा ,
तन से और मन से तेरा बोझ ले जायेगा
साईं साईं से तेरा जीवन बन जाएगा ,
सचे दिल से जैसै ही तू साईं को बुलाएगा,
इधर उधर ना जा मेरे भाई ,साईँ दौड़ा आएगा
अपने बचो की रक्षा का साईँ को भी ध्यान है,
श्रदा और सबूरी से साईँ को पाना आसन है ,
हे मेरे भाई , हे मेरे भाई ,साईँ को परणाम है ,
साईँ ही तो साईँ ही तो सर्वशक्तिमान है...
4) कितनी भी ये दुनिया हसीं हो, सांई के दर की बात निराली ,
जीने को तो सब जीते है,
पर सांई के संग की बात निराली...
5)  जिस हाल में रखे साई
उस हाल में रहते जाओ
तुफंनों से क्या घबराना
तूफानों में बहते जाऊ
गम और ख़ुशी की रातें
सब हैं उसकी सौगांते
देनेवाला जो दे दे
हंस-हंसके सहते जाओ
जिस हाल में रखे साई .......
तुम दूर नहीं मंजिल से
बस दिल को लगालो दिल से
और उसके गले से लगकर
जो कहना है कहते जाओ
जिस हाल में रखे साई .......

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