ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा |
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर |
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा |
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस |
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो |
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए |
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका |
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा |
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर |
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया |
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य |
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